Afsos Sa Hota Hain - अफ़सोस सा होता हैं
Afsos
Sa Hota Hain
Afsos sa hain aaj..
Beetein hue un palo ka..
Gujrey hue un lamho ka..
Jo kabhi bade pyaare se lagte the..
Samundar ke kinaare se lagte the..
Aankho ke aage vo parda sa tha..
Doob jaane se main darta sa tha..
Afsos sa hain aaj..
Un galtiyo ka.. jo anjaane me huyi thi..
Kuch pehchaane me bhi hui thi..
Pachhta raha hoon aaj bhi main..
Galtiya jo beetein jamaane me hui thi..
Afsos sa hai aaj..
Us shakhs ka jisey kho dia maine ..
Rishta jo kitno se tod dia maine..
Aankh band karke bharosa tha jinka..
Vo bharosa bhi shaayad tod diya maine..
Kabhi apne the jo.. aaj paraaye se hogaye..
Jin asoolo pe main khada tha..
Aaj giraaye se hogye..
Afsos sa hota hain..
Un hazaar raato ka..
Jo jaag jaag ke bitaayi hain..
Un pyaari si barsaato ka..
Jo aansuyo me bahaayi hain..
Afsos sa hota hain..
Us zindagi ke bachpan ka..
Jo zindagi me kahi kho sa gaya..
Afsos sa hota hai..
Un zindagi ke rango ka..
Jo nafrato me kahi kho sa gaya..
अफ़सोस सा होता हैं
अफ़सोस सा हैं आज..
बीतें हुए उन पलो का..
गुज़रे हुए उन लम्हो का..
जो कभी बड़े प्यारे से लगते थे..
समुंदर के किनारे से लगते थे..
आँखो के आगे वो परदा सा था..
डूब जाने से मैं डरता सा था..
अफ़सोस सा हैं आज..
उन ग़लतियो का.. जो अंजाने मे हुई थी..
कुछ पहचाने में भी हुई थी..
पछता रहा हूँ आज भी मैं..
ग़लतिया जो बीतें जमाने मे हुई थी..
अफ़सोस सा है आज..
उस शख्स का जिसे खो दिया मैने ..
रिश्ता जो कितनो से तोड़ दिया मैने..
आँख बंद करके भरोसा था जिनका..
वो भरोसा भी शायद तोड़ दिया मैने..
कभी अपने थे जो.. आज पराए से हो गये..
जिन असूलो पे मैं खड़ा था..
आज गिराए से हो गये..
अफ़सोस सा होता हैं..
उन हज़ार रातो का..
जो जाग जाग के बिताई हैं..
उन प्यारी सी बरसातो का..
जो आँसुओ मे बहाई हैं..
अफ़सोस सा होता हैं..
उस ज़िंदगी के बचपन का..
जो ज़िंदगी मे कही खो सा गया..
अफ़सोस सा होता है..
उन ज़िंदगी के रंगो का..
जो नफ़रतो में कही खो सा गया..
अफ़सोस सा हैं आज..
बीतें हुए उन पलो का..
गुज़रे हुए उन लम्हो का..
जो कभी बड़े प्यारे से लगते थे..
समुंदर के किनारे से लगते थे..
आँखो के आगे वो परदा सा था..
डूब जाने से मैं डरता सा था..
अफ़सोस सा हैं आज..
उन ग़लतियो का.. जो अंजाने मे हुई थी..
कुछ पहचाने में भी हुई थी..
पछता रहा हूँ आज भी मैं..
ग़लतिया जो बीतें जमाने मे हुई थी..
अफ़सोस सा है आज..
उस शख्स का जिसे खो दिया मैने ..
रिश्ता जो कितनो से तोड़ दिया मैने..
आँख बंद करके भरोसा था जिनका..
वो भरोसा भी शायद तोड़ दिया मैने..
कभी अपने थे जो.. आज पराए से हो गये..
जिन असूलो पे मैं खड़ा था..
आज गिराए से हो गये..
अफ़सोस सा होता हैं..
उन हज़ार रातो का..
जो जाग जाग के बिताई हैं..
उन प्यारी सी बरसातो का..
जो आँसुओ मे बहाई हैं..
अफ़सोस सा होता हैं..
उस ज़िंदगी के बचपन का..
जो ज़िंदगी मे कही खो सा गया..
अफ़सोस सा होता है..
उन ज़िंदगी के रंगो का..
जो नफ़रतो में कही खो सा गया..
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