Wajood Hoon

Wajood Hoon


Koi hai?
Kon hai waha?
Suno, kon ho tum?
Main? Tum main kaise ho sakte?
Main toh Main hoon, fir tum kon?
Kya? Tum wajood ho? Kiska?

Haan, mai whi hoon, jo tu kho chuka..
Jaha tu gir chuka, mai whi khada hua..
Fir chal pda or aage badh chala..
Mai wajood hoon tera.. 
Jo toota nahi, woh honsla tera..
Mai wajood hoon tera..
Jaha kho gya, wahi mil chala..

Akhir kab tak? Akhir kab tak?
Yun sambhalega mujhe?
Akhir kab tak, yun chalayega mujhe?

Bas tab tak jab tak toot na jau..
Bas tab tak jab tak rooth na jau..
Tune chhora toh kahi chhoot na jau..
Mai wajood hoon tera..
Darta hoon, kahi bhool na jau..

Par kya? Chahte kya ho tum?
Akhir kyun, samjhte kya ho tum?

Samjhta hoon mai, teri chahto ko..
Tere khwabo ko.. 
Samjhta hoon mai, teri aadato ko..
Tere khyaalo ko..
Mai wajood hoon tera..
Zinda hoon, tujhe marne na duga..
Mai wajood hoon tera..
Dhaaga hoon, tujhe bikhrne na duga..

Par mai toh toot chuka, sab khatam..
Meri himmat mar gyi..
Kar chuki har yatan..

Yakeen rakh, waqt tera bhi ayega..
Jo gira raha niche, whi tujhe uthayega..
Mai wajood hoon tera..
Tujhe manzil tak le jauga..
Mai wajood hoon tera..
Tera har khwaab pura krauga..

Bas honsla rakh.. 
Tujhe har mukaam pe pahunchauga..
Mai wajood hoon tera..
Mai wajood hoon tera..


You can read this poem in Hindi Now !

कोई हैं?
कौन है वहाँ?
सुनो, कौन हो तुम?
मैं? तुम मैं कैसे हो सकते हो?
मैं तो मैं हूँ, फिर तुम कौन?
क्या? तुम वजूद हो? किसका?

हाँ, मैं वहीं हूँ, जो तू खो चुका..
जहाँ तू गिर चुका, मैं वही खड़ा हुआ..
फिर चल पड़ा और आगे बढ़ चला..
मैं वज़ूद हूँ तेरा..
जो टूटा नही, वो हौंसला तेरा..
मैं वज़ूद हूँ तेरा..
जहाँ खो गया, वही मिल चला..

आख़िर कब तक? आख़िर कब तक?
यूँ संभालेगा मुझे?
आख़िर कब तक, यूँ चलाएगा मुझे?

बस तब तक जब तक टूट ना जायूँ..
बस तब तक जब तक रूठ ना जायूँ..
तूने छोड़ा तो कही छूट ना जायूँ..
मैं वज़ूद हूँ तेरा..
डरता हूँ, कही भूल ना जायूँ..

पर क्या? चाहते क्या हो तुम?
आख़िर क्यूँ, समझते क्या हो तुम?

समझता हूँ मैं, तेरी चाहतों को..
तेरे ख्वाबो को..
समझता हूँ मैं, तेरी आदतों को..
तेरे ख्यालो को..
मैं वज़ूद हूँ तेरा..
ज़िंदा हूँ, तुझे मरने ना दूँगा..
मैं वज़ूद हूँ तेरा..
धागा हूँ, तुझे बिखरने ना दूँगा..

पर मैं तो टूट चुका, सब ख्तम..
मेरी हिम्मत मर गयी..
कर चुकी हर यतन..

यकीन रख, वक़्त तेरा भी आएगा..
जो गिरा रहा नीचे, वी तुझे उठाएगा..
मैं वज़ूद हूँ तेरा..
तुझे मंज़िल तक ले जायूंगा..
मैं वज़ूद हूँ तेरा..
तेरा हर ख्वाब पूरा करायूंगा..

बस हौंसला रख..
तुझे हर मुक़ाम पे पहुँचयुगा..
मैं वजूद हूँ तेरा..

मैं वजूद हूँ तेरा..

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